tag:blogger.com,1999:blog-16320814.post2824063431547996631..comments2023-07-04T16:33:24.703+05:30Comments on My Feelings, Straight From Heart.: सचिन दा को याद करते किशोर कुमार साहब.....डॉ. अजीत कुमारhttp://www.blogger.com/profile/10047691305665129243noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-16320814.post-56975714811750001642017-11-14T19:10:18.705+05:302017-11-14T19:10:18.705+05:30किशोर दा का हर रंग निराला.धन्यवादकिशोर दा का हर रंग निराला.धन्यवादAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/16001497840125714165noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16320814.post-53215883682901938152007-11-05T16:42:00.000+05:302007-11-05T16:42:00.000+05:30मेरे ब्लॉग पर आमंत्रित अतिथिगण,आप सब का स्वागत यहा...मेरे ब्लॉग पर आमंत्रित अतिथिगण,<BR/>आप सब का स्वागत यहाँ आने का और अपने सुविचार यहाँ रखने का.<BR/>यूनुस भाई मैं आपसे क्या कहूं?इस interview का कितना अच्छा विवरण आपने प्रस्तुत किया है. मुझे क्या, लगता है बहुतों को ये बात पता नहीं होगी.<BR/>पीयूष जी ये आप सबों का आशीर्वाद ही है कि मैं आपके अनुरोध को पूरा कर पाया. मैंने खुद interview को कभी नहीं सुना था, और सुनने के बाद मैंने कितना आनंद उठाया ये मैं ही जानता हूँ. अपना स्नेह इसी तरह बनाए रखेंगे. और हाँ, मुझे अभी तक विविध भारती के फ़ोन इन में शामिल होने का मौका नहीं लग पाया है. हाँ एक बार मैं यहाँ पटना रेडियो के फ़ोन इन का हिसा जरूर बना था. <BR/>सागर भाई, आपने तो मुझे इतना विस्तृत मंच दिया है.पहली बार जाना कॉपी करने में बन्दा पकडा भी गया और उसे शाबाशी भी मिली... :) <BR/>मनीष जी, अन्नपूर्णा जी और अनीता जी , मैं हमेशा आपका, आप सबों का साथ चाहूंगा. एक छोटी सी टिप्पणी भी एक नवागत के लिए टॉनिक का काम करती है.<BR/>समीर जी, मैं आपसे क्या कहूं. आपने तो हमेशा सब का साथ दिया ही है,मेरा साथ अब आप "रेडिओनामा" पर भी दें,इसी आशा में हूँ.<BR/>अंत में ,फिर एक बार आप सबों का धन्यवाद करता हूँ, जिन्होंने टिप्पणी की और जिन्होंने पढ़कर सराहा उन्हें भी. साथ ही और अभ्यागतों का स्वागत करने के लिए हमेशा तैयार हूँ.डॉ. अजीत कुमारhttps://www.blogger.com/profile/10047691305665129243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16320814.post-16501866981805100592007-11-05T15:08:00.000+05:302007-11-05T15:08:00.000+05:30अजीत जी ये इन्टरवियु सुनवाने के लिए बहुत बहुत धन्य...अजीत जी ये इन्टरवियु सुनवाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद्। मजा आ गया।Anita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16320814.post-47539762425152034122007-11-05T10:51:00.000+05:302007-11-05T10:51:00.000+05:30अच्छा लगा !अच्छा लगा !annapurnahttps://www.blogger.com/profile/05503119475056620777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16320814.post-10876519630843817442007-11-05T06:46:00.000+05:302007-11-05T06:46:00.000+05:30हमेशा की तरह आपकी इस पोस्ट नें भी आनन्दित कर दिया....हमेशा की तरह आपकी इस पोस्ट नें भी आनन्दित कर दिया. वाह!!! आपकी भी अदा निराली है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16320814.post-78831099653470810502007-11-04T19:04:00.000+05:302007-11-04T19:04:00.000+05:30बहुत बहुत शुक्रिया अजित भाई इसे यहाँ सुनाने का !रे...बहुत बहुत शुक्रिया अजित भाई इसे यहाँ सुनाने का !रेडियोनामा में आपका स्वागत है।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16320814.post-18253475746060583382007-11-04T16:07:00.000+05:302007-11-04T16:07:00.000+05:30मजा आ गया डॉ साहब, मुझे पता नहीं था कि मेरे इस तरह...मजा आ गया डॉ साहब, मुझे पता नहीं था कि मेरे इस तरह आपकी पोस्ट को कॉपी करने से हमें एक रेडियो प्रेमी दोस्त मिल जायेगा। आपसे रेडियोनामा पर और लेखों की उम्मीद है।<BR/>खैर बातें बाद में करेंगे पहले इन्टरव्यू सुन लूं, अभी चौथा भाग सुन रहा हूँ। बीच में बातें नहीं!! :)<BR/><BR/>तीसरा भाग लोड नहीं हो रहा, और सुन नहीं पाया। आप www.lifelogger.com पर लोड कर सकते हैं। जिसका प्रयोग इन दिनों मैं महफिल पर करता हूँ। इसमें गाने लोड जल्दी हो जाते हैं। इसका छोटा सा प्लेयर जो जगह भी कम रोकता है और बढ़िया भी लगता है।<BR/>sagarchand.nahar @ gmail.comSagar Chand Naharhttps://www.blogger.com/profile/13049124481931256980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16320814.post-37064070729448822542007-11-04T13:50:00.000+05:302007-11-04T13:50:00.000+05:30श्री अजीतजी,इतनी जल्दी सकारात्मक प्रतिक्रिया ! वहो...श्री अजीतजी,<BR/><BR/>इतनी जल्दी सकारात्मक प्रतिक्रिया ! वहोत बहोत धन्यवाद । मैने इस मुलाकात को इस बार ०३/१०/२००७ के दिन तो नहीं सुना । पर यह कार्यक्रम रेडियो श्री लंकासे बर्मनदा की मृत्यू के कुछ दिनमें एस. कूमारका फ़िल्मी मुकद्दमा कार्यक्रम अंतर्गत श्री अमीन सयानी साहबनें प्रस्तूत किया था वह मैने सुना था । उस समय यह प्रायोजित कार्यक्रम स्थानिय विविध भारती केन्द्रोसे नहीं होता था । जो बाद में शुरू हुआ था और वह भी श्री लंका रेडियोसे एक या दो हप्ते पिछे होता था । मूझे शायद आपको विविध भारती के फोन-इन कार्यक्रमोंमें सुना हो ऐसा लगता है । क्या यह सही है ?PIYUSH MEHTA-SURAThttps://www.blogger.com/profile/12760626174047535862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-16320814.post-42814686880590115522007-11-04T10:17:00.000+05:302007-11-04T10:17:00.000+05:30अजीत जी मज़ा आ गया । इस इंटरव्यू का इतिहास सुनिए ...अजीत जी मज़ा आ गया । इस इंटरव्यू का इतिहास सुनिए । अमीन सायानी और किशोर कुमार अभिन्न मित्र रहे हैं । इस टोली में शामिल थे- महमूद और आर डी बर्मन भी । <BR/>बहरहाल किसी वजह से अमीन सायानी और किशोर कुमार का झगड़ा हुआ और बातचीत बंद हो गयी । दस बारह साल तक बातचीत नहीं हुई । फिर बर्मन दा का देहांत हो गया । अमीन सायानी ने किशोर कुमार से संपर्क किया कि वो सचिन दा की याद में कार्यक्रम करें । तुनकमिज़ाज किशोर ने कहा कि केवल पांच मिनिट के लिए तुम्हारे स्टूडियो में आऊंगा जो चाहो पूछ लेना । पांच मि0 केवल । बहरहाल बातचीत शुरू हुई और किशोर दा ऐसे रमे कि लगातार चार पांच दिन तक आते रहे । ये इंटरव्यू चार भागों में रिकॉर्ड हुआ है । <BR/>मेरी एक विनती है- इसे डाउनलोड कर लें । ताकि ई स्निप्स से कोई हटा भी दे तो भी आपके पास सुरक्षित रहे । सागर भाई आपकी मदद करेंगे । और हां मैं आपको रेडियोनामा का आमंत्रण भेज रहा हूं । अब आप रेडियोनामा के हो गये ।Yunus Khanhttps://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.com