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Saturday, October 24, 2009

एक बेहतरीन के लिए, एक आग्रह दिल से....

दोस्तों, आज से लगभग 5 महीने पहले मैंने एक पोस्ट आपको समर्पित की थी। उस पोस्ट का मौजूं था " महुआ" चॅनल पर प्रसारित होने वाला प्रोग्राम - सुर संग्राम. उस प्रोग्राम में एक गायक का मैंने जिक्र किया था जिसका नाम है आलोक कुमार। और ये आलोक एक तरह से मेरा छोटा भाई ही है.

पाँच महीने बाद के कठिन सफ़र के दौरान बिहार के बेहतरीन ग्यारह गायकों को पीछे छोड़ते हुए वो अब फाइनल तक आ पहुंचा है। उसके सामने हैं उत्तर प्रदेश के उम्दा गायक मोहन राठौर, जिन्होंने अपने राज्य के बेहतरीन ग्यारह को पीछे छोड़ते हुए फाइनल में अपना स्थान पक्का किया है.

Sunday, June 07, 2009

पूर्वांचल के लोकगीत और एक सुर संग्राम

अपने प्रदेश की भाषा किसे अच्छी नहीं लगती और खास कर जब वो अंतर्राष्ट्रीय ख्याति नाम की हो। भोजपुरी के लिए भी कुछ ऐसा ही है कुछ हम पूर्वांचल वालों के दिलों में.
अगर बिहार के अलग अलग क्षेत्रों की बात करें तो वैसे मैं अंगिका बोली वाले अंग क्षेत्र से आता हूँ।
अगर हम पूर्वांचल के लोक गीतों की चर्चा करें तो हमारी अच्छी खासी समृद्ध परम्परा रही है । पर आज कल हम विभिन्न मीडिया के माध्यमों में लोकगीत सुनते हैं उनमे से कुछ ही उस परम्परा को आगे बढाते हुए मालूम होते हैं.
आज लोकगीतों की चर्चा करने के पीछे मेरा दो मकसद है। पहला तो ये की आजकल मैं अपने गाँवया कहें छोटे शहर तारापुर में रह रहा हूँ और हमेशा अलग अलग मौकों पर गाये जाने वाले गीतों से रूबरू होता रहता हूँ या तो सीधे ग्रामीणों के मुख से या स्थानीय रेडियो चैनल को सुनकर.
मैं आशा करता हूँ कि जल्द ही मैं कुछ तोहफे आपके लिए लेकर आउंगा।
मेरा दूसरा मकसद कुछ स्वार्थी किस्म का है।
शायद आप लोगों में से कुछ को पता होगा कि भोजपुरी का एक नया चैनेल शुरू किया गया है - महुआ। इसी चैनल पर रियलिटी शो के पुराने खिलाडी गजेन्द्र सिंह ,जिनकी सा रे गा मा और क्लोज अप अन्ताक्षरी को सराहा गया, लेकर आये हैं लोकगीतों के इंडियन आइडल का प्रतिरूप " सुर संग्राम". इस कार्यक्रम का प्रसारण 5 जूनसे शुरू हो चुका है. सप्ताह में दो दिन शुक्र और शनि , के रात साढ़े आठ बजे से इसका प्रसारण शुरू होता है. इसका पुनर्प्रसारण दूसरे दिन 11 बजे दिन में होता है. इसके होस्ट हैं मनोज तिवारी, और जज हैं मालिनी अवस्थी और कल्पना.
कल के इसी प्रोग्राम में एक गायक की प्रस्तुति हुई ,नाम है आलोक कुमार और घर कजरा,बिहार। श्री ब्रह्मदेव पासवान , जो खुद एक प्रसिद्ध लोक गायक हैं, उनका छोटा बेटा और मेरे अभिन्न मित्र श्री अरविंद कुमार जी ,जो अभी सैनिक स्कूल ,तिलैया में संगीत शिक्षक हैं, का छोटा भाई, मतलब मेरा छोटा भाई.
आप उसे जरूर देखें और अपनी प्रतिक्रया दें।
अगर आप कल नहीं देख पाए तो आज दिन में 11 बजे देखना ना भूलें.