Pages

Wednesday, October 10, 2007

सबके प्रिय जगजीत ...


दो दिन पहले एक अख़बार में छोटी सी खबर पढ़ी ... " जगजीत सिंह पक्षाघात के कारण अस्पताल में भर्ती।" साथ मे थोड़ी सी विवेचना भी थी उस खबर की। पढ़ कर जी धक् से रह गया। एक चिकित्सक होने के कारण मन में चंद तरह के सवाल उठने लगे। किस तरह का अटैक है? एक तरफ का paralysis है या .... ? चेहरा और आवाज़ भी affected हुए हैं क्या? और भी ना जाने क्या - क्या...
इन्टरनेट पर बैठ कर सर्च करने लगा, उनके बारे में और न्यूज़ .संतुष्टि नहीं हुई।
दिन बीता, समाचार पढ़ा कि paralysis के अटैक की बात तो न्यूज़ चैनलों के द्वारा फैलाई गयी थी।
सबके प्रिय मशहूर ग़ज़ल गायक जगजीत सिंह जी अब ठीक हैं और private वार्ड मे स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। मन को एक तसल्ली मिली।
मन कहीँ दूर पीछे चला गया जब जगजीत जी ने अपने मधुर आवाज़ से मेरे कोमल मन पर दस्तक दी थी। ग़ज़ल क्या चीज है मैं तब ये जानता नहीं था। सिर्फ अच्छे गानों पर मन खुश हो जाया करता था। दिल में एक तरह की अलग अनुभूति होती थी उन गानों को सुनकर। तब ये नहीं जानता था कि फलां गायक इसे गा रहे हैं, या फलां संगीतकार की रचना है ये। उन्हीं दिनों मैंने ये ग़ज़ल सुनी थी - "झुकी - झुकी सी नज़र, बेकरार है के नहीं....."
मेरे अन्दर का संगीत प्रेमी मन इस गाने को सुन कर सोचने लगा कि कौन है ये गायक? आवाज़ दिल पर छाने लगी थी। नाम से अनजान मैं रेडियो पर ये जानने की कोशिश करने लगा उस नायाब गायक का नाम .... और आख़िर पता चल ही गया। तब तक और भी उनके गाने मैं सुन चुका था।
पर, आज मैं आपको वही ग़ज़ल सुनाने जा रहा हूँ जिसने मेरे मन पर अब तक कहीँ गहरे निशां बनाए हुए है.....
आइए सुने और भगवान् से ये प्रार्थना करें कि जबतक हमारी जिन्दगी है हम इस आवाज़ को अपने ऊपर यूँ ही बरसता महसूस कर सकें ......

7 comments:

Udan Tashtari said...

वाह डॉक्टर साहब, आपने हमारी मनपसंद गजल सुनवा दी.

जगजीत सिंग जी शीघ्र स्वास्थय लाभ की कामना करते हैं.

sanjay patel said...

अजितभाई;
आपकी हमारी सबकी दुआएँ जगजीत जी के साथ है. वे हमारी मौसीक़ी की दुनिया के अज़ीम सितारे हैं . उनसे ग़ज़ल को नई पहचान मिली है.और सबसे बड़ी बात ...आप हम जो लिखने पढ़ने वालों की बिरादरी है ..उससे कई गुना ज़्यादा की संख्या में जगजीत जी का एक ऐसा प्रशसंक वर्ग है जिसने जगजीतजी की तस्वीर भी नहीं देखी और वह अपने इस अज़ीज़ गायक से बेइंतहा मुहब्बत करता है...उनकी दुआओं में बड़ी ताक़त है...वे अपने प्रिय गायक को सही सलामत गाता हुआ सुनेंगे...मुझे विश्वास है.

डॉ. अजीत कुमार said...

उड़न तश्तरी जी और संजय पटेल जी, आपने पोस्ट पसंद की , धन्यवाद. आपकी हमारी दुआएं हमेशा उस गायक के लिए हैं जिसने हरदम जग को जीता है तो ये छोटी-मोटी व्याधियाँ की क्या बिसात .

Sanjeet Tripathi said...

जीते रहें और गाते रहें, हमारे, आपके, हम सबके जगजीत साहब!!

Devi Nangrani said...

अजीत जी
यह खबर पद कर बहुत अफ्सोस हुआ, पर अब सब सही हो रहा है. आप कि आवाज सुन नही पाई. इस बात का दुख जरूर है.

देवी

Manish Kumar said...

आपकी दुआ कुबूल हो ! शुक्रिया इस ग़ज़ल को यहाँ सुनाने के लिए !

Unknown said...

dear ajit kumar ji.
wah aap ka post pad ke asia laga jaise mein khud likh raha hoon. kya sahi baat hai aur yeh sirf mein hi mehsoos kar sakta hoon ke yeh jagjit singh ji kaun hein. ka ehsaas mujhe sirf is hi geet ko sun kar hua. but maine yeh ghazal doordarshan ke chitrahaar mein pehli baar mehsoos ki thi. aur jagjit singh naam ka jadoo mere upar wahin se chala tha. tabse maine unki kai audio casstte jama ki hein apney khajaney mein. but ek baat ki kami jo mujhe mehsoos hoti hai. ke chitra ji ki awaaz ab sunaney ko nahin milti. unki awaaz sedhi dil pe takkar marti hai. but unhooney gana kyuon band kar diya yeh bhi mujhe pata hai. my heartly wish is may god bless both of them a long life.
with regards,
abhiram