"कादम्बिनी" ने बिल्कुल नए जगत से हाथ मिलाते हुए साइबर कि दुनिया मे घुसपैठ बनायी है जिसका ताजा उदाहरण है अक्तूबर अंक में प्रकाशित आवरण कथा - ' ब्लॉग हो तो बात बने '। अपने सारे ब्लॉग को पूरी दुनिया के सामने कैसे रखें , मैंने आज ही जाना , और ये संभव हुआ सिर्फ " कादम्बिनी " के लेख से। पत्रिका की पूरी टीम धन्यवाद की पात्र है.
Tuesday, October 02, 2007
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