दोस्तो, नमस्कार !
10 दिनों तक भक्ति भाव में डूबे रहने के बाद अब आपके सामने एक बार पुनः अलग अलग विषयों को लेकर हाजिर हो जाउंगा। इन दस दिनों में ब्लॉग लेखन की कई कटु-मधुर अनुभूतियाँ मुझे हुईं। किसी विषय को लगातार लेकर चलना ही सबसे बड़ी बात होती है। नए ब्लॉग लेखक के किसी पोस्ट को १८-१९ दर्शनार्थी मिल गए मैं काफी समझता हूँ। सबसे प्रभावित हुआ मैं उड़न तश्तरी जी अर्थात समीर जी से जो सबों को उत्साहित तो करते हैं ही ,मुझे भी प्रोत्साहन दिया।
हालांकि मैं इतने दिनों में जान पाया हूँ कि दर्शनार्थिओं की भीड़ अपनी और करने के क्या गुर है, जगजीत सिंह जी की अपनी पोस्ट के बाद मैंने इसका अनुभव भी किया था। शायद मैं अपना वही टेंपो ला सकूं। आप सबों के सहयोग की कामना रहेगी। शायद रोज नहीं पर दो दिनों में एक बार तो हाजिर हो ही जाऊँगा। कोशिश तो रोज की करूंगा।
आज कोई पोडकास्ट नहीं.
Monday, October 22, 2007
नया दिन... नया रास्ता
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1 comment:
चलिये अब गुर जान ही गये हैं. नये विषयों पर जारी हो जायें. अनेकों शुभकामनाऐं. ईश्वर करे दर्शनार्थिओं का मेला लगे.
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